Lag ja gale
Chandra kamal
लग जा गले के फिर ये हसीं
रात हो ना हो
शायद फिर इस जनम में
मुलाक़ात हो ना हो
रात हो ना हो
शायद फिर इस जनम में
मुलाक़ात हो ना हो
हम को मिली हैं आज ये
घडीयाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिये हम
को करीब से
फिर आप के नसीब में ये
बात हो ना हो
शायद फिर में इस जनम
मुलाक़ात हो ना हो
पास आईये के हम नहीं
आयेंगे बार बार
बाहे गले में डाल के हम
रो ले जार जार
आँखों से फिर ये प्यार
की बरसात हो ना हो
शायद फिर इस जनम में
मुलाक़ात हो हो ना
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